आचार्यपाणिने: धातुप्रवचनकालादारभ्य अद्यावधि अनैकै: आचार्यै: पाणिनीयं धातुपाठम् आश्रित्य वृत्तय: कृता:। किन्तु तासु काश्चन एव इदानीमुपलभ्यन्ते। अनेकासां नामान्यपि अज्ञातानि। अत्र परिज्ञाता: वृत्तिकारा: वृत्तयश्च उद्ध्रियन्ते-
पाणिनिः | सुनागः | भीमसेन: | पारायणः | नन्दिस्वामी | राजश्री | नाथीयधातुवृत्ति: | कौशिक: |
क्षीरस्वामी | मैत्रेयरक्षितः | हरियोगी | देवः | काश्यपः | आत्रेयः | हेलाराजः | सायणः |